गुरुवार, 2 सितंबर 2010

चिदंबरम साहब, मैंने आपको ग़लत समझा, मुझे माफ़ कर दीजिए

चिदंबरम साहब ने आतंकवाद को भगवा रंग दे दिया। बड़ा बवाल हुआ। भाजपा वाले हंगामा करने लगे और संघी आंखें चौड़ी तरेरने लगे। एक हिंदू होने और भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में भगवा रंग का महत्व समझने के कारण मेरे मन में भी काफी उग्र प्रतिक्रिया हुई। एक-दो मित्रों के साथ चर्चा में मैंने चिदंबरम साहब को भला-बुरा भी कहा। लेकिन आज मुझे अपनी ग़लती का एहसास हो गया है। मैं चिदंबरम साहब से माफी मांगना चाहता हूं।

आज टीवी चैनलों पर मैंने सचमुच भगवा आतंकवाद का एक चेहरा देखा। भगवा चोले और भगवा पगड़ी में खड़ा वह आतंकवादी बड़ी निर्लज्जता से बिहार में नक्सलियों द्वारा चार पुलिसवालों के अपहरण को उचित ठहरा रहा था। वह कह रहा था कि क्योंकि बहुत से नक्सलियों को मामूली आरोपों के कारण जेल में बंद रखा गया है, इसलिए उन्हें छुड़ाने के लिए नक्सलियों का यह कृत्य सौ फीसदी सही है। वह सरकार को नसीहत (या शायद नक्सलियों की ओर से धमकी) दे रहा था कि वह नक्सलियों को प्रोवोक न करे।

मुझे तुरंत लगा कि मैंने चिदंबरम साहब को समझने में भूल कर दी। भगवा के पीछे छुपा अग्निवेश नाम का यह आतंकवादी सचमुच देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। किसी भी नक्सली से ज्यादा ख़तरनाक। क्योंकि यह आपके और हमारे बीच रहता है, मंचों पर शांति और मानवता की बातें करता है। ख़ास बात यह है कि वह ख़ुद चिदंबरम साहब और उनकी पार्टी की तरह सेकुलर है। चिदंबरम साहब की ही तरह उसका भी मानना है कि इस्लाम के नाम पर होने वाले हज़ारों विस्फोटों और लाखों क़त्लों के बावजूद इस्लामिक आतंकवाद शब्द ग़लत होगा।

और मुझे पूरा भरोसा है कि जब चिदंबरम साहब ने भगवा आतंकवाद को देश के लिए उभरता हुआ ख़तरा बताया था, तो ख़ुद भगवा में लिपटे रहने के बावजूद वह बहुत खुश हुआ होगा, क्योंकि इससे पूरे हिंदू समाज और हिंदू इतिहास पर कलंक के छीटें उड़ते हैं। लेकिन अब बात साफ हो गई है। चिदंबरम साहब का वैचारिक मित्र है यह आतंकवादी, इसलिए गृहमंत्री जी की राजनीतिक मज़बूरी भी समझनी चाहिए। सीधे अग्निवेश सरीखे आतंकवादियों के ख़तरे को बताने के बजाए उन्होंने उसे भगवा आतंकवादी क़रार दिया। कांग्रेसी हैं न बेचारे, तो उन्हें न हिंदू होने का मतलब पता है, न भगवा का। सो थोड़ी सी ग़लती कर गए। लेकिन अब मैं समझ गया हूं, इसलिए देश से प्रार्थना है कि वह चिदंबरम साहब को माफ़ कर दे और ख़ुद चिदंबरम साहब से प्रार्थना करता हूं कि वह मुझे माफ़ कर दें।