tag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post7950352002565610851..comments2023-06-10T17:38:48.622+05:30Comments on भदेस भारत: कैरियर के लिए संबंधों को ठेंगा दिखाने में आगे हैं महिलाएंभुवन भास्करhttp://www.blogger.com/profile/04695143329018446492noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-20170233317596052942008-01-08T14:04:00.000+05:302008-01-08T14:04:00.000+05:30बढ़िया अनुभव ! अगर मजाक मजाक मे लिखा लेख सामाजिक स...बढ़िया अनुभव ! अगर मजाक मजाक मे लिखा लेख सामाजिक सोंच और उपजी बदलाव को परिभाषित किया है तो<BR/>मजाक काबिले तारीफ़ है . दिल्ली की कोई लड़की नही सब भारत के कोने -कोने से आकर अपने को दिल्ली वाली कहती है .उसमे बिहार और उपी की भी शामिल है . हर समाज पर लागू होता है आपका अनुभव यों कहा जाए <BR/>पैसे ने भावना को खरीद लिया है .<BR/>कई बार ख़ुद को वह सबसे बड़ा हमदर्द लगता जो आपकी समस्याओं को समाधान दिलाने से पहले उसे बड़ा करके दिखाता हो .जैसे "अरे सही मे तुम्हारे लिए तो बहुत बड़ा प्रॉब्लम है .पता नही भगवन की क्या मरजी है . तुम्हें समस्या पर समस्या दिए जा रहे है " यह सब मर्द बोलता नही महसूसता है ,तुरंत उपाय मे लग जाता है . औरत<BR/>स्वभावगत हमदर्दी पहले जाता जाती है उपाय बाद मे .<BR/>प्रॉब्लम को जहाँ आपने कम करके कोई उपदेश दिया नही कि आप संवेदन शुन्य हो गए. <BR/>रिश्ते ने दम नही तोडा है तो क्रेच और बृद्ध आश्रम और दोपहर मे भरे-भरे पार्क किस बात के सबूत हैं.<BR/>लड़की के बारे बहुत ही शर्माता हुआ अनुभव है मेरा फ़िर कभी शेयर कर लूंगा .<BR/>बिहारी और बिहारिपना पर गर्व हैं हमे . कम से कम इस बात का कि विकास के नाम विनाश की गर्त मे हम उस वक्त पैर रखते है जब दुनिया वापस लौटने की तैयारी कर चुकी होती है फलतः अपना कदम वापस .<BR/>वैसे ज्ञात हो कि जो स्थान भारत का विश्व मे है वही स्थान बिहार का भारत मे है .मनन किया जाय .संजय शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06139162130626806160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-74167836779375321822008-01-08T11:22:00.000+05:302008-01-08T11:22:00.000+05:30मैं एक ठेठ बिहारी हूं और बिहारी होते हुये भी मुझे ...मैं एक ठेठ बिहारी हूं और बिहारी होते हुये भी मुझे कभी इस बात कि कमी नहीं रही की लड़कियां मुझसे बात करे.. अगर यूं कहा जाये कि लड़कों से ज्यादा दोस्त मेरे लड़कियों में है तो ज्यादा सही होगा.. और, जैसा कि यहां कुछ लोग दहेज कि बात कह गयें हैं, तो मैं ये बता देना चाहता हूं कि सवर्ण होते हुये भी मैं ऐसी जाती से हूं जहां दहेज नहीं लिये जाते हैं.. हां उसके बदले में कुछ अन्य सामाजिक बुराईयां हैं..<BR/><BR/>और मेरा अभी तक का अनुभव यही है कि बिहार से भी जो लड़कियां बाहर आती हैं उनका भी कमोबेश स्वभाव बाहर कि लड़कियों से कुछ अलग नहीं होता है.. और वे किसे और क्यों दोखा देती हैं ये सब परिस्थितीयों पर निर्भर करता है..<BR/><BR/>मेरा अभी तक का अनुभव तो यही रहा है कि अगर कोई लड़की और कोई लड़का अपने कैरियर को लेकर पोसेसिव हैं तो इसका संयोग ज्यादा है कि लड़की भावनात्मक रिश्तों को ज्यादा वैल्यू ना दें.. यहां बात बिहारी या UP कि नहीं है.. यहां जो भी बिहारी या UP कि बात कर रहें हैं वे सभी उसी पूर्वाग्रह के मारे हैं जिससे सारा भारत जूझ रहा है..<BR/><BR/>लम्बे कमेंट के लिये क्षमा चाहूंगा..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-78202492173531634512008-01-08T08:03:00.000+05:302008-01-08T08:03:00.000+05:30आशा जी, घुघूती बासूती जी। आपकी टिप्पणियों में बिहा...आशा जी, घुघूती बासूती जी। आपकी टिप्पणियों में बिहारियों के प्रति कुछ उसी तरह के भाव दिख रहे हैं, जो आमतौर पर बिहार को लालू जी का पर्याय मानने वालों और केवल मीडिया की चटपटी रिपोर्टों से बिहार को जानने वालों में होते हैं। लेकिन मैं इसपर फिलहाल कोई बात नहीं करूंगा, क्योंकि मेरी इस चर्चा का उद्देश्य लड़कों, लड़कियों या बिहारियों का चरित्र विश्लेषण बिलकुल भी नहीं था। मेरा मकसद तो बस एक हलके-फुलके विषय पर कुछ हलकी-फुलकी हंसी-ठिठोली करने भर का था। अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों, तो क्षमा चाहता हूं।भुवन भास्करhttps://www.blogger.com/profile/04695143329018446492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-46093972530814354562008-01-08T03:10:00.000+05:302008-01-08T03:10:00.000+05:30कोई भी दो व्यक्ति पूरी तरह से एक जैसे नहीं होते । ...कोई भी दो व्यक्ति पूरी तरह से एक जैसे नहीं होते । ना ही सब लड़कियाँ प्रेम व भावनाओं के लिए अपना कैरीयर दाँव पर लगाती हैं और ना ही सब लड़कियाँ रिश्तों को दाँव पर लगाती हैं । अब बिहार में आप लड़की से बात करने को तरसे तो इसके लिए बेचारी दिल्ली की कन्या क्या कर सकती है । अब वह आपसे बात करती है अत बुरी है । सच तो यह हे कि अचानक लड़के पा रहे हैं कि लड़कियाँ उन्हें विवाह के लिए इन्कार का अवसर दिये बिना खुद ही इन्कार कर दे रही हैं । और शायद उनका पुरुष अहम् इसे सहन नहीं कर पा रहा । वैसे बिहारी व अन्य सब युवकों को हमारी शुभकामनाएँ ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-49613204098023548922008-01-08T02:17:00.000+05:302008-01-08T02:17:00.000+05:30स्री को मनुष्य की तरह सोचने-समझने की कोशिश कीजिए, ...स्री को मनुष्य की तरह सोचने-समझने की कोशिश कीजिए, पुरुष की तरह नहीं।जेपी नारायणhttps://www.blogger.com/profile/05345363717323351232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-47546155134608888472008-01-07T19:28:00.000+05:302008-01-07T19:28:00.000+05:30काफी अच्छा विश्लेषण है. हां आशाजी ने जो कहा है उसे...काफी अच्छा विश्लेषण है. हां आशाजी ने जो कहा है उसे भी नजरंदाज नहीं किया जा सकताShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-59420730618083307212008-01-07T19:20:00.000+05:302008-01-07T19:20:00.000+05:30य़ह तो इकतरफा न्याय हुआ । यह मानसिकता तो लडके तथा ल...य़ह तो इकतरफा न्याय हुआ । यह मानसिकता तो लडके तथा लडकियाँ दोने में है । और बिहारी तो दोस्ती वोस्ती भुला कर मोटा दहेज दे सकने वाले पात्री का ही चुनाव करेंगे ये सब जानतेहैं ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-14664072300529579962008-01-07T18:38:00.001+05:302008-01-07T18:38:00.001+05:30भाई साव..लूट लिया आपने...कमाल की बात कही..बहुतों क...भाई साव..लूट लिया आपने...कमाल की बात कही..बहुतों का भोगा हुआ यथार्थ है। धन्यवाद इस रचना के लिए।sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-23467367824471040152008-01-07T18:38:00.000+05:302008-01-07T18:38:00.000+05:30भाई साव..लूट लिया आपने...कमाल की बात कही..बहुतों क...भाई साव..लूट लिया आपने...कमाल की बात कही..बहुतों का भोगा हुआ यथार्थ है। धन्यवाद इस रचना के लिए।sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.com