tag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post9087705719701063129..comments2023-06-10T17:38:48.622+05:30Comments on भदेस भारत: ये तो अभी झांकी है...भुवन भास्करhttp://www.blogger.com/profile/04695143329018446492noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-1142815453205868112008-10-08T20:05:00.000+05:302008-10-08T20:05:00.000+05:30भुवन भास्कर जी, असम में हो रही वर्त्तमान हिंसा के...भुवन भास्कर जी, असम में हो रही वर्त्तमान हिंसा के बारे में आपने सही लिखा है. 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद इंदिरा गाँधी और उनके बेहद करीब असम के कांग्रेसी नेता देवकांत बरुआ ने सिर्फ़ कुछ विधान सभा और कुछ लोकसभा सिट पर हमेशा कब्जा बनाये रखने की घटिया साजिश के तहत बंगलादेशी मुसलमानों को सीमावर्ती जिलों में फोकट में जमीं दिया और बसाया था . बरुआ जो "Indira is india and india is indira" जैसा विवादस्पद नारा देने के लिए बदनाम हैं ने जिस बांग्लादेश घुसपैठियों वाला बबूल का पौधा लगाया था आज वह एक बिशाल वृक्ष बनते जा रहा है, आज कल बांग्लादेश घुसपैठियों का कालोनी देल्ही, मुंबई, पुणे, कोलकाता, गुरगांव, बंगलोर जैसे भारत के आर्थिक रीढ़ की हड्डी समझे जाने वाले महानगरों में फ़ैल चुके हैं तो हाल ही में मैंने अपने बिहार दौरा के समय देखा कि छपरा जैसे आर्थिक रूप से कहीं नहीं ठहरने वाले जिले के एक गाँव में साइकिल पर लटका कर एक बंगलादेशी प्लास्टिक के रोजमरे का सामान (मग, बाल्टी आदि) बंगलादेशी बड़े शान से अपना बिज़नस कर रहा था और पूछने पर बताता है कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के मालदा का है. परन्तु वास्तविकता यह है के वह बंगलादेशी था और पूछने पर झूठ बोलता है, येही हाल सभी बांग्लादेश घुसपैठियों का है.<BR/><BR/>पुरानी दिल्ली से आरंब होकर आसाम के डिब्रूगढ़ तक जाने वाली ब्रहमपुत्र मेल को अब "बांग्लादेश मेल" कहने का समय आ गया है, कांग्रेस पार्टी के नेता यह कर सकते हैं, उन्हें कुछ बंगलादेशीयों के फर्जी वोट मिल जायेंगे, क्योंकि लगभग सभी शयनायान में 72 सीट में से लगभग 45-50 सीट बंग्लेशियों के नाम रिज़र्व रहता है जो कि पश्चिम बंगाल के मालदा तक जाते हैं और वहां से उतर कर पास लगने वाले भारत बांग्लादेश सीमा से अपनी बंगलादेशी गाँव में चले जाते हैं, पुरानी दिल्ली से जैसे ट्रेन चलती है तो अलीगढ पहुचने के पहले ही शाव्चालोयों का हाल बिगार देने वाले ये बांग्लादेश घुसपैठिये भारत कि जनता कि खून पाशिने कि कमाई से बने रेल में जो यात्रा का मौज लेते हैं उससे लगता है कि वोह दिन दूर नही कि ये घुसपैठिये हम पर जरूर राज़ करेंगेअशोक कुमारhttps://www.blogger.com/profile/13359311694213463481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-54548083265852255322008-10-07T17:00:00.000+05:302008-10-07T17:00:00.000+05:30इस देश की दुर्दशा के लिये कांग्रेस और सेकुलर नाम क...इस देश की दुर्दशा के लिये कांग्रेस और सेकुलर नाम के दो साँप सर्वाधिक दोषी हैं, ये लोग जहाँ भी दिखें………………… बाकी तो आप समझदार हैं हीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-56248242286661559332008-10-07T16:19:00.000+05:302008-10-07T16:19:00.000+05:30पिछले सालों में जिस तरह से असम के सीमावर्ती जिलों ...पिछले सालों में जिस तरह से असम के सीमावर्ती जिलों की डेमोग्राफी बदली है, उससे तो यही लगता है कि आपकी आशंकाएं बिना आधार के नहीं हैं. पश्चिम बंगाल और असम में बंगलादेशी घुसपैठियों का चुनाव के नतीजों पर प्रभाव कई सालों से दिखाई दे रहा है. अभी हाल ही में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कुछ बंगलादेशी घुसपैठियों को वापस भेजने के लिए एक फ़ैसला सुनाया तो असम के मुख्यमंत्री बिदक गए. उनका कहना हा कि कोर्ट के फैसले का कोई आधार नहीं है. पिछले साल रा के एक रिटायर्ड अफसर की किताब में भारत के शार मुख्यमंत्रियों का जिक्र था जिन्हें आई एस आई से पैसा मिलता है. देखने की बात ये है कि गोगोई साहब भी ऐसे मुख्यमंत्रियों की सूची में शामिल तो नहीं हैं.<BR/><BR/>ये हिमवंत साहब भारत की समस्या को दक्षिण एशिया की आर्थिक स्थिति से जोड़ते हैं. किस तरह से जोड़ते हैं, ये वही बेहतर जानते हैं. दूसरी बात यह है कि आर्थिक स्थिति से जोड़ने की ज़रूरत क्यों है जी? कानून-व्यवस्था की समस्या में आप आर्थिक स्थिति क्यों घुसेड़ रहे हैं? मुसलामानों के सफाए की बात पोस्ट में कहाँ की गई है? किसने मुसलामानों के सफाए की बात की है? भारत के किसी राज्य की सरकार से अगर यह कहा जाय कि आप अपने राज्य में घुसपैठ रोकिये तो वो बात मुसलामानों की सफाए की हो जाती है? कैसे? मुकम्मल समाधान खोजने की बात ही तो हो रही है. आपको समाधान दिखाई नहीं देता. इतना बड़ा तंत्र लेकर राज्य सरकार क्या कर रही है? <BR/><BR/>और जहाँ तक तुष्टीकरण की बात है तो ये तो नेहरू जी ने शुरू किया था जब उन्होंने असम के पहले मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर धमकाया था कि बांग्लादेश से आने वाले मुसलामानों को अगर रोका गया तो राज्य को दी जाने वाली केन्द्रीय सहायता रोक दी जायेगी. कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति आज से तो अपना नहीं रखी है. ये तो उनका पुराना खेल है जो आगे ही बढ़ता जा रहा है.<BR/><BR/>असम शायद पहला राज्य होगा जहाँ वर्तमान भारत के टूटने का सिलसिला शुरू होगा. और जल्द ही शुरू होगा. ऐसी शुरुआत के लिए शायद बीस साल नहीं लगें.झालकवि 'वियोगी'https://www.blogger.com/profile/14643097937523209476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-54947719882288227242008-10-07T16:10:00.000+05:302008-10-07T16:10:00.000+05:30@himvantमुकम्मल समधान है अपने समाज को शक्तिशालि बन...@himvant<BR/>मुकम्मल समधान है अपने समाज को शक्तिशालि बनाना. "अपना समाज" मतलब क्या- मतलब देश का हर वो नागरिक जो इस देश से, इसके महापुरुषों से, इसकी संस्क्रिति से, इसकी मिट्टी से और इसके प्रतीकों से प्यार करता है. जो इस देश को अपनी मात्रिभूमि के साथ ही अपनी मां भी मानता है और जो इसके हर तिनके को उतना ही अपना मानता है जितना अपने घर की हर ईंट को. जब ऐसे हर नगरिक से बना हमारा समाज एक साथ आयेगा और हर तरह से अपनी ताक़त बढाकर हर तरह के देशविरोधी विचारों और घटनाओं का हर संभव तरीके से विरोध करेगा, तभी इन समस्याओं का मुकम्मल समधान हो पायेगा.भुवन भास्करhttps://www.blogger.com/profile/04695143329018446492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-62601872515108963352008-10-07T14:58:00.000+05:302008-10-07T14:58:00.000+05:30मुकम्मल समाधान की बात किजीए। इस द्वन्दपुर्ण स्तिथी...मुकम्मल समाधान की बात किजीए। इस द्वन्दपुर्ण स्तिथी का (दक्षिण एसिया) के देशों के विकास पर क्या असर पडेगा? समाधान का कोई रास्ता है? क्या विश्व की सबसे पुरानी जीवन पद्धति की विरासत सम्भाले हुए सारे हिन्दुओ का धर्म परिवर्तन सम्भव है? क्या मुसल्मानो का सफाया सम्भव है? और ये हिन्दु और मुसलमान है कौन? सभी तो भाई-भाई ही थे अतित मे। बिमारी है तो ईलाज भी होगा। क्या ईलाज है?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-41740753554700744002008-10-07T14:36:00.000+05:302008-10-07T14:36:00.000+05:30भविष्य के बहुत विकराल रूप को आपने प्रस्तुत किया है...भविष्य के बहुत विकराल रूप को आपने प्रस्तुत किया है . तुष्टिकरण नीति ने देश का बंटाधार करके रख दिया है . अब तो कुछ दिन बाद यंहा का निवासी विदेशी और घुस्पेथिया यंहा राज करेंगे .दीपक कुमार भानरेhttps://www.blogger.com/profile/14512403306123301731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1400721984689425484.post-50529833979835265782008-10-07T13:22:00.000+05:302008-10-07T13:22:00.000+05:30kuchh budhhijeevion ko sahi baat karte huye dekha ...kuchh budhhijeevion ko sahi baat karte huye dekha hai, joki durlabh hai, patrakaar hone ke bawajood aapne sahi baat likhi, achcha laga.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com