आज सुबह से ही एक सवाल मुझे परेशान कर रहा है। जिस तरह इंडिपेंडेंस डे को स्वतंत्रता दिवस कहते हैं, रिपब्लिक डे को गणतंत्र दिवस कहते हैं, बर्थ डे को जन्म दिवस कहते हैं, टीचर्स डे को शिक्षक दिवस कहते हैं, उसी तरह वैलेंटाइन डे को प्रेमी दिवस, फादर्स डे को पिता दिवस या मदर्स डे को मां दिवस क्यों नहीं कहते? हां, आप चाहें तो कह सकते हैं, लेकिन मेरे मन का सवाल व्यवहारिक स्तर का है। हर अंग्रेजी शब्द का तर्जुमा करने को तत्पर हम हिंदी वाले भी जहां पहले चार डे को दिवस में अनुवाद कर बोल देते हैं, वैसे ही बाद वाले तीन डे का हम अनुवाद करना क्यों नहीं चाहते? जाहिर है कि आज मदर्स डे की खबरों को पढ़ते-सुनते ही मेरे मन में ये सवाल आया है।
हममें से बहुत होंगे जो इस तरह के डे मनाने में कुछ भी बुरा नहीं मानते होंगे और बहुत सारे ऐसे भी होंगे जो इन्हें मनाने को पश्चिमी संस्कारों और विचारों के सामने घुटने टेकने के बराबर मानते होंगे। लेकिन फिर वही सवाल है कि इन डेज़ का हिंदी अनुवाद तो दोनों में से कोई भी वर्ग नहीं करता है। क्यों?
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1 टिप्पणी:
इसलिये भुवन जी क्योंकि हमारी भारतीय परंपरा में रोज माँ के पैर छू कर घर से बाहर निकलने का तो चलन है, मगर उसे सम्मानित करने के लिये कोई एक विशेष दिन नही बनाया गया....! हम रोज ही उसका आशीर्वाद लेते हैं ना..!चूँकि दिन आयातित था अतः शब्द भी आयातित ही प्रयोग किया गया..! वैसे मदर्स डे या मातृदिवस किसी से मेरा विरोध नही है...! मतलब तो उस देवी को नमन करने से है..!
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