सोनिया जी, आज सभी अखबारों में आपका बयान पढ़ा। आपने बहुत ही सख़्त चेतावनी दी है राष्ट्रमंडल के घोटालेबाजों को। आपने कहा है कि खेल आयोजन ख़त्म होने के बाद किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। वाह, इसे कहते हैं टाइमिंग। जिस सरकार और जिस पार्टी में आपकी मर्ज़ी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता है, वहां अगर कहीं किसी को पहले आपके इस रुख़ का अहसास हो गया होता, तो सब गड़बड़ हो जाती। हज़ारों करोड़ की लूट नहीं हो पाती और देश की प्रतिष्ठा मटियामेट नहीं हो पाती।
जो खेल सालों पहले से तय थे, जिसकी निगरानी के लिए आपके लाडले के विराट व्यक्तित्व की छत्रछाया में 2005 में ही समिति का गठन हो चुका था, जिसके आयोजन क्षेत्र यानी दिल्ली में आपके दरबार में शीर्षासन करने वालों की सरकार 12 साल से है, जिन खेलों का सूत्रधार आपकी पार्टी का एक सांसद है, उन खेलों के आयोजन में हो रहा घोटाला महीनों से मीडिया की सुर्खियां बना रहा। लेकिन आपने पूरी तरह यह सुनिश्चित किया कि आपकी चेतावनी खेल शुरू होने से केवल 45 दिन पहले ही सामने आए। जब पहले ही 650 करोड़ रुपए के बजट पर 35,000 करोड़ रुपए की लूट हो चुकी है।
आखिर इस देश के प्रधानमंत्री को भी तो केवल 59 दिन पहले ही इन खेलों पर पहली बार ध्यान देने की ज़रूरत महसूस हुई। ईमानदारी और सुराज के प्रति आपकी निष्ठा... वाकई बेजोड़ है। लेकिन ये देश में जो कैग और सीवीसी जैसे कुछ बदमाश संगठन हैं न, आपको परेशान करने पर तुले रहते हैं। दोनों ने टेलीकॉम मंत्री राजा के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। दोनों कह रहे हैं कि राजा जी ने टेलीकॉम लाइसेंस देने में 26,000 करोड़ रुपए का घोटाला कर दिया। अब इतनी बड़ी बात कहने से पहले इन्हें आपसे भी तो सलाह ले लेनी चाहिए थी। लेकिन कोई बात नहीं।
आपने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए कानून मंत्रालय को राजा जी की सुरक्षा में उतार दिया है। आपके कानून मंत्रालय ने कैग और सीवीसी की औकात बताते हुए कह दिया है कि उन्हें न तो इस तरह घोटाले उजागर करने का अधिकार है और न ही उन्हें इसके लिए जिम्मेदारी दी गई है। अब अगर इतने से ही काम हो गया, तो ठीक है, लेकिन अगर ज्यादा हल्ला-हंगामा होगा, तो आप फिर एक बयान दे ही देंगी कि कानून को अपना काम करने दिया जाएगा। आपका बयान सारे अखबारों के पहले पन्ने की सुर्खी बन जाएगा और आपकी सरकार एक बार फिर सार्वजनिक जीवन में शुचिता का प्रतीक बन जाएंगी। आपकी यह रणनीति अचूक है।
मैं इसीलिए आपका फैन हूं। आपको प्रधानमंत्री बनने से रोककर कुछ मूर्खों को ऐसा लगा कि वह उन्होंने आपके प्रभाव की सर्वव्यापी चादर पर कैंची चला दी। लेकिन अगले कुछ वर्षों के भीतर हरकिशन सिंह सुरजीत से लेकर लालू, मुलायम, अमर सिंह जैसे नेताओं को अपने दरबार में नाक रगड़वा कर आपने यह साबित कर दिया कि उन मूर्खों को आपके महान व्यक्तित्व का ज़रा भी आभास नहीं था। आपको राजनीति का नवसिखुआ मानने वालों से बड़ा बुद्धू कौन है? देखिए न, आपका गृहमंत्री नक्सलवाद के खिलाफ पूरी ताकत झोंक दे रहा है और आपके राहुल बाबा के ड्रीम प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश का पार्टी प्रभारी आए दिन उसी गृहमंत्री के खिलाफ अखबारों में लेख लिख रहा है और बयान दे रहा है। बीच-बीच में आपके दरबारी रिपोर्टर अखबारों में यह ख़बर भी देते रहते हैं कि पार्टी हाईकमान ने दिग्विजय जी को गै़रज़िम्मेदाराना बयान न देने की ताक़ीद कर दी है। अब बताइए न, वास्तव में जिस दिन आप दिग्विज जी को एक बार यह चेतावनी दे देंगी, उसके बाद उनकी जबान तालू से न चिपक जाएगी। लेकिन, राजनीति का यह गुर दशकों तक चप्पल घिस कर थोड़े ही सीखा जाता है, जो भाजपाई और वामपंथी समझ जाएंगे। यह तो आपको दैवी वरदान है।
देश के होने वाले प्रधानमंत्री और आपके सुपुत्र ग़रीब जनता के साथ मिट्टी की टोकरी कंधे पर उठाकर तस्वीरें खिंचवाते हैं और सामाजिक-आर्थिक रूप से सबसे ज़्यादा पिछड़े वर्गों के घरों में रात बिताते हैं। यह ज़रूर आप ही की समझदारी होगी। नहीं तो आपकी सरकार ने जिस तरह ग़रीबों का आटा गीला किया है और जीवन की मूलभूत सुविधाओं को भी लग्ज़री बना दिया है, उसके बाद भी आप की पार्टी ग़रीबों की सबसे हमदर्द होने का दावा करे, यह कमाल कैसे हो सकता था। आपकी प्रतिभा का लोहा तो देश को उसी दिन मान लेना चाहिए था, जब आपने एक मिट्टी के माधो को अपने परिवार की सवा सौ करोड़ लोगों की प्रजा का भाग्यनियंता तय कर दिया। क्या शानदार चुनाव था आपका। जैसे नरसिंह राव ने देश की हर समस्या का समाधान चुप्पी में ढूंढ लिया था, वैसे ही डॉ मनमोहन सिंह के लिए हर बीमारी का रामबाण इलाज मंत्रियों का समूह है, जिसे जीओएम कहते हैं।
यहां तक कि सरकार के ही दो विभागों की आपसी लड़ाई में भी प्रधानमंत्री मामला जीओएम को ही सौंप देते हैं। इसीलिए तो राष्ट्रमंडल जैसे राष्ट्रीय महत्व के विषय को उन्होंने शीला दीक्षित और कलमाडी की बिटिया की शादी का आयोजन सरीखा बनवा दिया। वैसे ही, कश्मीर जैसे अहम राष्ट्रीय मसले पर वह कानों में तेल डाले सोए रहे और जब घाटी में आम लोगों का नक़ाब पहने अलगाववादियों के प्रदर्शन में 50 से ज़्यादा जानें चली गईं और पूरी जनता भारत विरोधी नारे लगाने लगी, तब उनकी ओर से पहला बयान आया। बयान भी क्या? अलगाववादियों के एजेंडे यानी स्वायत्तता और सुरक्षा बलों के विशेष अधिकार वाले कानून पर विचार करने का बयान। मानना पड़ेगा सोनिया जी आपकी पारखी नज़रों को। दस साल पहले आपने अपने एजेंडे को पूरा करने वाला एक ऐसा व्यक्ति तलाश लिया, जो शैक्षणिक डिग्रियों और करियर प्रोफाइल में तो इस देश की व्यवस्था का मज़बूत स्तंभ लगे, लेकिन 7, रेसकोर्स में बैठकर आपके एजेंडे पर मुहर लगाए।
जैसे हरि अनंत, हरि कथा अनंता, उसी तरह आपकी भी महिमा अपरंपार है। पूरी धरती को कागज़ और सातों समुंदरों को स्याही बनाकर भी उसका गान नहीं किया जा सकता। उम्मीद है मेरी इस छोटी सी कोशिश में आपके जो बहुत सारे दूसरे चमत्कारों की चर्चा नहीं हो पाई है, उसके लिए आप मुझे माफ करेंगी। आप महान हैं, आपको शत-शत नमन।
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5 टिप्पणियां:
भैयाजी सोनिया का गुणगान कुछ कम ही किया है वे सर्वगुण संपन्न हैं भारतमाता हैं कांग्रेसियों की भक्ति कुछ यों ही नहीं है लालू और मुलायम जेसे सिंह इस मनमोहिनी देवी की चरणवंदना कर चुके हैं देश का उद्धार इनके हाथों ही होना है इसमें संदेह कोइ अज्ञानी हे करेगा ज्ञानी तो प्राण मोह भूलकर वंदना में लगे हैं
भैयाजी सोनिया का गुणगान कुछ कम ही किया है वे सर्वगुण संपन्न हैं भारतमाता हैं कांग्रेसियों की भक्ति कुछ यों ही नहीं है लालू और मुलायम जेसे सिंह इस मनमोहिनी देवी की चरणवंदना कर चुके हैं देश का उद्धार इनके हाथों ही होना है इसमें संदेह कोइ अज्ञानी हे करेगा ज्ञानी तो प्राण मोह भूलकर वंदना में लगे हैं
sir aapko SoniaJi se itni pareshnai kyu he?? Sirf isliye ki unhone Rajniti ke diggajo ko bta diya ki rajniti kaise ki jati he? or kaise pura game plan karke bhi pak saaf raha jata he. wese aap unki har event par Rs.80,000 ki saree ka jikra karna bhul gaye. Aapne soniaji ki tarif me sahi likha he.
हो सके तो, मेरा भी प्रणाम पहुंचाइएगा। महान विभूति हैं वो .. बस और क्या कहूं सब तो आपने कह ही दिया है।
मैडम, राहुल बाबा, और पुरे गांधी परिवार का महिमा मंडन प्रतिदिन मीडिया में देखते रहे हैं. हम तो मीडिया से कहते हैं भाई काहे इतना बोलते हो बस एक बात कह दो - "मैडम और राहुल बाबा की महिमा अपरम्पार है, उनकी महिमा का बखान किया ही नहीं जा सकता...", सब लोग आपही समझ जायेंगे |
कोई गांधी दास (गाँधी परिवार का दास) यदि ये पोस्ट पढ़े तो उनसे एक विनम्र निवेदन है की मेरा भी १००८ बार प्रणाम मैडम जी तक पहुंचा दे |
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